Lucknow: यूपी कैबिनेट में बड़ा फैसला, मैत्रेय समझौता समेत मदरसों के नाम में हुआ बड़ा बदलाव
आज योगी सरकार की हुई कैबिनेट बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं। इस बैठक में सन 2003 में हुई मैत्रेय समझौता समेत मदरसों के आधुनिकीकरण का फैसला भी शामिल रहा। पढ़ें डाइनामाइट न्यूज़ पर पूरी खबर..
लखनऊः राम मंदिर का फैसला आने के बाद आज योगी सरकार ने पहली कैबिनेट बैठक की है। इस बैठक में कानून-व्यवस्था सहित कई विषयों पर अहम फैसले लिए गए हैं। जिसमें मैत्रेय समझौता समेत मदरसों के आधुनिकीकरण का फैसला भी लिया गया है। इसके तहत अब से मदरसा का नाम भी बदल दिया गया है।
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यूपी में चल रह रहे कुल 74,42 मदरसों के आधुनिकीकरण की दिशा में काम करते हुए मानव-संसाधन एंव विकास मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर मदरसों का नाम बदल कर ' स्कीम फार प्रोवाइडिंग एजूकेशन इन मदरसा' कर दिया गया है। यूपी कैबिनेट के इस फैसले की जानकारी सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने दी। उन्होंने कहा की मदरसों में कम्प्यूटर, गणित और विज्ञान जैसे विषयों की पढ़ाई पर ध्यान दिया जायेगा। जिससे मदरसों में पढने वाले बच्चे भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें।
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वहीं यूपी के कुशीनगर जिलें मैत्रेय परियोजना के तहत मैत्रेय कंपनी से हुए समझौते को यूपी सरकार ने रद्द कर दिया है। मामले की जानकारी देते हुये मंत्री नीलकंठ तिवारी ने बताया की कंपनी अब तक योजना से संबंधित अपना डीपीआर नहीं पेश कर पाई थी। इसलिये अब इस परियोजना को यूपी सरकार स्वंय अपने स्तर पर पूरा करेगी।
गौरतलब है की इस परियोजना के तहत कुशीनगर जिले में बौद्ध धर्मावलंबियो के लिए भगवान बुद्ध की विशाल प्रतिमा, जलाशय, यात्रियों के लिए विश्राम स्थल बनाये जाने का फैसला 2003 में किया गया था। जिसके लिये तत्कालीन यूपी सरकार ने मैत्रेय कंपनी से अनुबंध किया था। जिसे अब रद्द कर दिया गया है।